सांकेतिक इमेज है.

भारत देश दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है , और यह एशिया महाद्वीप में अपनी एक अलग पहचान रखता है, यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इतिहास और संस्कृति रूप से समृद्ध इस देश में विभिन्न धर्म और भाषा बोली के लोग रहते है।भारत में करीब सात धर्म के लोग रहते हैं वो इस प्रकार है – हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन तथा पारसी। भारत का हर नागरिक किसी न किसी धर्म से विशेष रुप से जुड़ा हुआ है। भारत एक हिंदी भाषी देश है और हिंदी इसकी प्रमुख भाषा है। लेकिन भारतीय संविधान में सिर्फ 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है लेकिन 2011 के आंकड़ों के अनुसार ऐसे लोग जो 10,000 से ज्यादा एक भाषा को बोलते हैं ऐसी 122 भाषाएं भारत में बोली जाती हैं । इतनी विभिन्नता के बाद भी भारत एक शांत प्रिय देश है। और इस शांति को बनाए रखने के लिए भारतीय संविधान अपनी अहम भूमिका अदा करता क्योंकि कोई भी देश एक संविधान के मार्ग पर ही चलता है और भारतीय संविधान में एक शब्द है ” धर्मनिरपेक्ष” जो भारत को एक शांत प्रिय और अखंड भारत बनाने में एक अहम रोल अदा करता है।
भारत को आजाद हुए करीब 75 वर्ष हो चुके है और यह विकासशील देश अपने आपको विकासित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस 70 से 75 वर्ष के दौरान कितनी सरकारें आई और गई। भारत में सबसे ज़्यादा शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस रही है और क्योंकि कांग्रेस एक ऐसा मंच रहा है जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में एक अहम योगदान दिया क्योंकी 1947 से पहले केवल चार ही राजनीतिक दल रहे थे जो थे कांग्रेस, मुस्लिम लीग , हिंदू महासभा और कैमुनिस्ट पार्टी । भारत के चुनाव आयोग के 23 सितंबर 2021 के नवीनतम प्रकाशन के अनुसार, पंजीकृत दलों की कुल संख्या 2858 थी, जिसमें 8 राष्ट्रीय दल, 54 राज्य दल और 2797 गैर-मान्यता प्राप्त दल थे।
अब यह सभी राजनितिक दल भारत और भारत के उस समुदाय का भला करना चाहते है जो सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक रूप से भला करना चाहते है। एक समय था भारत में कांग्रेस भारत की सबसे बडी राजनितिक पार्टी हुआ करती थी। किंतु वर्तमान समय में हुए उथल पुथल के चलते कांग्रेस के हाथ से यह तमगा चला गया । इसकी जगह अब 6 अप्रैल सन 1980 को जन्मी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने ले लिया। 2014 में लोकसभा चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने भारी संख्या में बहुमत हासिल किया। वजह बढ़ती मंहगाई और उपर से नेताओ के असहज होने वाले भाषण जिसे विपक्षी दल भुनाने में कामयाब रहा।
वर्तमान समय में देश में आय दिन धार्मिक सदभाव के साथ खिलवाड़ हो रहा है जिसके चलते में देश अशांति का माहौल पैदा किया जा रहा है। जो देश और देश के नागरिको दोनो के हित में नहीं और जिस तरह से देश का गोदी मीडिया केवल एक ही चस्मे से सामाजिक घटनाओं को देख रहा है या दिखा रहा है वो भी भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा है। भारत के वर्तमान स्थिति के लिए देश का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला मीडिया भी कन्ही न कन्ही जिम्मेदार है। भारत में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही है और हिन्दू मुस्लिम विवाद इन दिनो ज्यादा देखने को मिल रहे है। भारत में भीड का हिस्सा आकर दूसरे धर्म या समुदाय के लोगो इस लिए मार दे रहे की वह उनके काम या धर्म से हिंदू धर्म आहत हो उठता है। 2014 से पहले भी ऐसी घटनाए एक्की दुक्की सामने जरूर आई है लेकिन इन दिनो यह घटनाएं ज्याद संख्या में आ रही है जिसमे मुस्लिम धर्म और अन्य जाति के लोगो को टारगेट किया जा रहा है। उन्हे नमाज़ पढ़ने से रोका जा रहा है तो कन्ही उनके मीट के ववस्याय को बंद कराने भीड़ पहुंच जा रही है। जो न ही देश हित में और न देश के नागरिक हित में। एक अच्छा शासक वह है जो अपने देश और जनता का हित सोचता हो न केवल अपना और अपनी पार्टी का । पार्टी का सिर्फ यह मकसद नज़र आ रहा है की वह देश के सभी राज्यों में अपने पार्टी की सरकार को चाहती है । वह सत्ता में सबका साथ सबका विकास का नारा देकर आई थी लेकिन देश में कोरोना के बाद देश सभी चीजों दशा खराब ही चल रही है। हाल में राम नवमी के दिन देश के अलग अलग राज्यों भीड़ ने विशेष मुस्लिम धर्म के लोगो को टारगेट किया । यह सब घटनाएं देश में अशांति को बढ़ावा दे रही है और देश सिर्फ हिन्दू मुस्लिम दंगे हो रहे हैं।

कई अखबारों ने इस घटना को प्रमुखता से छापा
“रामनवमी के दिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 320 किलोमीटर दूर खरगोन के अलग-अलग इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा हुई. छोटी मोहन टाकीज, संजय नगर, मोतीपुरा, भाटवाड़ी, पोस्ट ऑफिस चौराहे के पास जुलूस के दौरान माहौल खराब हुआ. दो समुदाय के उन्मादी आमने-सामने थे. शाम 5 बजे से लेकर रात 3 बजे तक खरगोन में तांडव होता रहा. दोनों तरफ से दमभर ईंट-पत्थर चलाए गए. अब धीरे-धीरे CCTV फुटेज सामने आ रहे हैं.

चेहरों की पहचान आसानी से हो सकती है. पुलिस ने बीच में लाठी चार्ज भी किया, दौड़ा-दौड़ा कर दंगाइयों को पीटा. मगर हालत रात के तीन बजे तक काबू में नहीं आ पाए. दंगाइयों ने कई गाड़ियों को जला दिया, दुकानों को फूंक दिया गया. गलियों को पत्थरों से पाट दिया. लोग बड़ी मुश्किल से जान बचा जाए. 50 से ज्यादा दंगाइयों को चोट लगी. पुलिस के 8 जवान घायल हुए, एसपी नीरज चौरसिया के पैर में गोली जैसा कुछ लगने की बात प्रशासन की तरफ से कही गई. अब जब थोड़ी शांति है तो उस हिंसा के निशान बलवे की गवाही दे रहे हैं.”
पुलिस ने दोषियों के खिलाफ़ करवाई करते हुए अब तक कुल 94 लोगो को गिरफ्तार किया है। लेकिन सवाल अब भी वहीं बना हुआ है की इस तरह की घटनाएं देश दिन बदीन बढ़ती ही क्यों चली जा रही है??